NOT KNOWN DETAILS ABOUT SHIV CHAISA

Not known Details About Shiv chaisa

Not known Details About Shiv chaisa

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वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देखि नाग मन मोहे॥

मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥

दुष्ट सकल नित मोहि सतावै। भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥

शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.

आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥

पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे॥

पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम Shiv chaisa करावे ॥

शंकर सम्मुख पाठ सुनावे ॥ जन्म जन्म के पाप नसावे ।

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥

दिल्ली के प्रसिद्ध हनुमान बालाजी मंदिर

पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥

जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥ सहस कमल में हो shiv chalisa in hindi रहे धारी ।

नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीस।

सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - भजन

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